Barter System
Why Government Does Not Print More Money: करीब 4000 साल पहले दुनिया में वस्तुओं के लेनदेन में पैसा उपयोग में नहीं किया जाता था क्योंकि उस समय पैसा चलन में नहीं था। उस समय इंसान वस्तुएं खरीदने के लिए वस्तु के बदले वस्तु का क्रय विक्रय करते थे। किसी वस्तु की जरूरत के लिए अन्य वस्तु का विक्रय करना अर्थात वस्तु के बदले वस्तु क्रय विक्रय करना बार्टर सिस्टम कहलाता है। परंतु यह सिस्टम तब सही काम करता है जब दोनों इंसान को प्राप्त होने वाली वस्तु उनके लिए उपयोगी हो यदि किसी इंसान को वह वस्तु नहीं चाहिए तो सामने वाला इंसान अपनी चाहने वाली वस्तु को क्रय नहीं कर सकता। जिस कारण बहुत से इंसान अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लेने वाली वस्तुएं क्रय नहीं कर सकते थे इस कारण जीवन यापन में परेशानी होने लगी। तब उस समय एक ऐसी चीज को चलन में लाना आवश्यक था जो सबके पास हो और इसी प्रकार पैसों का जन्म हुआ।

Why Government Does Not Print More Money
किसी भी देश में करेंसी को छापने या बनाने का अधिकार उस देश की सरकार के पास होता है। सभी देशों की अपनी-अपनी मुद्राएं होती है, वे जैसे चाहे पैसे छाप सकते हैं इसके बावजूद भी देश में कुछ लोग गरीब होते हैं तो कुछ लोग अमीर होते हैं, सरकार असीमित पैसे छाप कर अपने देश की गरीबी दूर क्यों नहीं कर देती।
जिस देश में जितनी करेंसी पड़ेगी उस देश की आर्थिक स्थिति उतनी ही खराब होती जाएगी। क्योंकि जितने नोट बढ़ेंगे उतने ही रिसोर्सेज घटेंगे तथा नोटों के बढ़ने पर महंगाई भी उतनी ही बढ़ेगी और पैसों की वैल्यू कम हो जाएगी। आइए इसे दो उदाहरणों से समझते हैं –
Hungary Country Print More Currencies
सन 1946 में हंगरी देश ने भारी मात्रा में नोट छापने शुरू कर दिए थे अपने देश की गरीबी मिटाने के लिए नतीजा यह हुआ कि वहां हर 15 घंटे में महंगाई दोगुनी होने लग गई। किसी भी स्वस्थ देश का Highest Monthly Inflation 5 से 6 प्रतिशत होता है। उस समय हंगरी देश का Highest Monthly Inflation 41900000000000000% हो गया था। एक स्वस्थ देश में वस्तुओं के दाम 23 से 24 वर्ष में दोगुने होते हैं जबकि हंगरी देश में उस समय यह हर 15 घंटे में हो रहा था। हंगरी देश की मुद्रा Pengö है। उस समय सरकार को 100 Million Billion Pengö का नोट जारी करना पड़ा। जिसका अर्थ हुआ 100 करोड़ अरब Pengö
उस समय हंगरी देश के नोटों की स्थिति ऐसी हो गई थी कि हंगरी देश के सभी प्रकार के एक-एक नोट को अलग रखा जाए और उनका योग लगाया जाए तो वह एक भारतीय पैसा के बराबर होता था।

Zimbabwe Country Print More Money
साल 2008 में ज़िम्बाब्वे की सरकार ने बहुत सरे नोट छापकर अपने देश को अमीर करने का निर्णय लिया था। परिणाम यह हुआ कि वहां की जो Highest Monthly Inflation Rate जो एक स्वस्थ देश की 5 से 6 प्रतिशत होती है वह ज़िम्बाब्वे की 89700000000000000000000% हो गई थी। उस समय ज़िम्बाब्वे देश की स्थिति यह हो गई थी कि वहां के नागरिकों को ब्रेड खरीदने के लिए भी लाखों ज़िम्बाब्वे डॉलर देने पड़ते थे। क्योंकि वहां वस्तुओं के दाम हर 24 घंटों में दुगुने होने लग गए थे। यह परिणाम इसलिए हुआ क्योंकि वहां सब अमीर हो गए थे। उस समय ज़िम्बाब्वे सरकार को 100 Trillion Dollar यानि 100000000000000 का नोट जारी करना पड़ा था।

Facts About Money
- Scarab Symbol (¤) यह Unknown Currency को प्रदर्शित करने के काम में लिया जाता है।
- ज़िम्बाब्वे देश ने साल 2008 में इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा 100000000000000 नोट जारी किया था।
- हंगरी देश ने सन 1946 में इतिहास का सबसे बड़ा 100000000000000000000 नोट जारी किया था।
- सन 1947 में 3 भारतीय रूपये 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर थे।
- Currency की Exchange Rate देश के Export व Import पर निर्भर करती है।
- विश्व में सबसे पहले चीन देश ने कागजी नोट को लगभग 1400 वर्ष पहले जारी किया था।
- पूरी दुनिया का कुल पैसा जोड़ा जाये तो कुल पैसा 75 Trillion से भी ज्यादा होगा।
- यदि पूरी दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति के बीच में बराबर पैसा बांटा जाये तो हर एक व्यक्ति को 10 हजार अमेरिकी डॉलर मिलेंगे।
- सन 1928 में अति मुद्रास्फीति के कारण जर्मनी देश की मुद्रा का मूल्य लगभग पूरा समाप्त हो गया था।
- 1948 में भारतीय रिज़र्व बैंक पाकिस्तान को नोट छापकर देता था क्योंकि उस समय पाकिस्तान के पास नोट छापने की मशीन नहीं थी।
- भारतीय नोटों पर 17 भाषाएं प्रिंट होती है, हिंदी व अंग्रेजी भाषा नोट के दोनों ओर व अन्य 15 भाषाएं नोट के पीछे की ओर।
- भारतीय एक रूपये के नोट व सिक्कों पर गाँधी जी की फोटो नहीं प्रिंट होती अन्य नोटों पर होती है।
- भारत में सन 1954 से 1978 के बीच 5000 व 10000 के नोट भी चलन में थे।
- वर्तमान में पूरी दुनिया में 170 Currencies का उपयोग होता है।
- Queen Elizabeth-2 को सबसे ज्यादा 35 देशों की मुद्राओं पर चित्रित किया जाता है।
- John D. Rockefeller सन 1916 में दुनिया के पहले अरबपति बने थे।
- द्वितीय विश्व युद्ध से पहले एशिया के कई देशों में चाय की ईंटों को मुद्रा के रूप में उपयोग में लिया जाता था।
- वर्ल्ड बैंक के अनुसार हर वर्ष औसतन 1.5 Trillion Dollar रिश्वत के रूप में उपयोग में लिया जाता है।
- कुवैती दीनार दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले सबसे महँगी मुद्रा है।
पैसा जीवन नहीं खरीद सकता
If Money Grew On Trees, It Would Be As Valuable As Leaves.
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1 thought on “Why Government Does Not Print More Money पैसों का जन्म कब और कैसे हुआ आइए जानते हैं कुछ रोचक तथ्य सरकार अनलिमिटेड पैसे क्यों नहीं छापती”